The Basic Principles Of Shiv chaisa

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

It is believed that normal chanting of Chalisa delivers happiness, peace, and prosperity during the life from the devotees.

भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ

सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

On Trayodashi (thirteenth day with the dark and vivid fortnights) a person must invite a pandit and devotely make choices to Lord Shiva. Those who fast and pray to Lord Shiva on Trayodashi are generally healthier and prosperous.

O Lord, the beloved daughter of Maina on Your remaining provides in your splendid look. more info O Wearer of the lion's pores and skin, the trishul with your hand destroys all enemies.

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

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